मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने, हमें पिता की आज्ञा तथा पत्नी व भाई द्वारा धर्म निभाते हुए साथ जाने की शिक्षा मिलती है : डा.सीमांत गर्ग

मोगा, 15 सितंबर (जशन) : सीता स्वयंवर कला केंद्र की ओर से पुरानी दाना मंडी मे चल रही रामलीला की पांचवीं  नाइट में राम बनवास, केकई संवाद का दृश्य अयोध्या धाम से पहुंचे आदर्श कमेटी के कलाकारों द्वारा पेश  किया गया। इस अवसर पर स्टेज उद्घाटन शाम नर्सिंग होम के एम.डी तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष डा.सीमांत गर्ग ने अपने कर कमलों से किया। दरबार का उद्घाटन श्री सालासर धाम मोगा के संस्थापक सुशील मिड्डा, अध्यक्ष सौरभ गोयल व अन्य पदाधिकारियों ने किया। जबकि झंडा पूजन राइस ब्रान डीलर एसोसिएशन 128 के कैशियर अमित सिंगला ने किया। इस अवसर पर अग्रवाल सभा के अध्यक्ष मंजीत कांसल, महामंत्री भाजपा मुख्तयार सिंह, महामंत्री विक्की सितारा, विजय मिश्रा, गौतम गुप्ता, महामंत्री राहुल गर्ग, राजन सूद, अमित गुप्ता, हैप्पी, जतिंदर बहल विशेष तौर पर पहुंचे। रामलीला की पांचवीं नाइट में अयोध्या धाम से पहुंचे कलाकारों ने दशरथ-कैकेयी संवाद के दौरान दासी मंथरा रानी कैकेयी को समझाती है कि अगर राम को राज्य मिला तो भरत का क्या होगा। कैकेयी कोप भवन में चली जाती हैं। जिसके बाद राजा दशरथ वहां पहुंचते हैं और कैकेयी से कारण पूछते हैं तो रानी कैकेयी ने राजा दशरथ को दो वरदानों की याद दिलाते हुए राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत के लिए राजपाठ मांगा। कैकेयी के वचनों को सुनकर राजा दशरथ व्यथित हो जाते हैं। वे कैकेयी को समझाते हैं, लेकिन कैकेयी समझने को तैयार नहीं होती हैं। इसके बाद राम वनवास का मंचन किया गया। जिसके बाद भगवान राम के साथ सीता व लक्ष्मण भी चले जाते हैं।

इस अवसर पर डा.सीमांत गर्ग ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने वनवास नाइट में माता-पिता की आज्ञा पालन की शिक्षा मिलती है तथा भगवान राम ने मयार्दा पुरुषोतम होते हुए राजपाठ को त्यागकर पिता के आदेश को मानते हुए तुरंत वन में जाने की ठान ली और उनके साथ पत्नी धर्म निभाते हुए माता सीता व भाई लक्ष्मण भी गए। रामलीला का हर दिन दर्शकों को नया संदेश देकर जाता है और लोगों को चाहिए कि भगवान राम के दिखाए मार्ग पर चलकर जीवन सफल बनाए।

*रामलीला के मंचन से प्रतिदिन हमारे जीवन में होने वाली घटनाओं की प्रेरणा मिलती है : देवप्रिय त्यागी

इस अवसर पर अध्यक्ष देवप्रिय त्यागी, चेयरमैन नवीन सिंगला ने रामलीला में पहुंचे मुख्यतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते हुए कहा कि हमें रामलीला के मंचन से जो शिक्षा व माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी के आचरण की शिक्षा मिलती हैं उसको अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इस अवसर पर सीनियर प्रोजेक्ट चेयरमैन परमजीत सिंह गिल, सीनियर वाइस चेयरमैन विजय खुराना कौंसलर, चेयरमैन राजेश कोछड़, सीनियर वाइस प्रधान गगनदीप मित्तल, सीनियर वाइस प्रधान सागर आहलूवालिया, प्रोजेक्ट चेयरमैन राजेश चांद उपस्थित थे।