इस्कॉन प्रचार समिति मोगा की तरफ से इतिहास में तीसरी बार भगवान जगन्नाथ जी की निकाली रथयात्रा ,'हरे कृष्णा, हरे रामा' के जयकारों की गूंज में बहता रहा 'आस्था का दरिया'
मोगा, 27 जून ( जशन,सट्रिंगर दूरदर्शन ) : भगवान जगन्नाथ रथयात्रा इस्कॉन प्रचार समिति मोगा एंव अंतरर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) की ओर से भगवान जगननाथ की यात्रा का आयोजन तीसरी बार मोगा शहर में किया गया।भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के रुहे रवां, इस्कान प्रचार समिति के अध्यक्ष नवीन सिंगला व मुख्य संरक्षक देवप्रिय त्यागी ने बताया कि इस्कॉन के फाउंडर आचार्य ऐसी भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद जिन्होंने इस्कॉन के रूप में विश्वस्तरीय धार्मिक संगठन की नींव रखकर कलियुगी जीवों को कृष्ण भक्ति की ओर प्रेरित किया और अब इसका प्रसार अनेकों शहरों में हो रहा है ।
इस भगवान जगन्नाथ रथयात्रा में विश्व के कोने-कोने से जगन्नाथ भगतों ने शिरकत की । इस रथ यात्रा की अगुवाई इस्कॉन के बाहर से आए श्रील् गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज जी जी.बी.सी,बी.टी. ट्रस्टी, श्रीमन साक्षी गोपाल दास , चरण दास महाराज, प्रशिक्षत कुमार महाराज, साक्षी कुमार महाराज, गौड़ हरी दास, दीप नारायण दास, राम कन्हैया दास, चंदन दास गोयल, केशव दास जो कुरुक्षेत्र तथा यमुना नगर से विशेष तौर पर पहुंचे। मुख्य यजमान मनमोहन मित्तल हरिओम इंडस्ट्री तथा पार्षद गौरव गुप्ता गुड्डू अग्रवाल सैनीटेशन, रथ एवं फूल सेवा यजमान दीपक सूरी जालंधर, राज महाजन जालंधर, भंडारा यजमान के.के.मित्तल शर्मा, ट्रैवल, भगवान जगननाथ आगमन सेवा संजीव सिंगला, रीतिका सिंगला, विश्राम सेवा यजमान सुनीता एरन, ब्राइट प्रीती एरन , सह यजमान डा. रमेश कांसल, डा. ललिता कांसल उपस्थित थे।
भगवान जगननाथ की रथ यात्रा का उद्घाटन विधायक डा. अमनदीप कौर अरोड़ा, पूर्व विधायक डा. हरजोत कमल, भाजपा जिलाध्यक्ष व प्रमुख समाज सेवी डा. सीमांत गर्ग ,अंकित बंसल बी जे पी नेता ने अपने कर कमलों से करते हुए कहा कि भगवान जगननाथ की रथ यात्रा का आयोजन करने वाले तथा इसमें सहयोग देने वालों को प्रभु का हमेशा आशीर्वाद मिलता रहेगा। वहीं सनातन धर्म का उत्थान होगा तथा हमारी नौजवान पीढ़ी को प्रभु जगननाथ के बारे में जागरूकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक प्रोग्राम जहां लोगों पर गहरी छाप छोड़ते हैं। वहीं हमारे नौजवान भी अपने पुरानी परंपराओं के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। उन्होंने समूह इस्कान प्रचार समिति मोगा जिन्होंने इस यात्रा का आयोजन किया है वह बधाई के पात्र हैं तथा उन्हें प्रभु का आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ते रहना चाहिए, ताकि यह प्रभु जगननाथ की रथ यात्रा ऐतिहासिक बनकर मोगा इलाके का नाम रोशन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रभु जगननाथ की रथ यात्रा कुछ ही शहरों में निकाली जाती है तथा धीरे-धीरे अब इसका विस्तार हो रहा है तथा प्रभु जगननाथ की रथ यात्राएं आने वाले समय में और भी शहरों में इतिहास रचेंगी। इस वक्त प्रभु जी की आरती मालविका सूद सचर तथा मेयर नीतिका भला ने की।
इस मौके पर इस्कान प्रचार समिति के अध्यक्ष नवीन सिंगला, मुख्य संरक्षक देवप्रिय त्यागी, मुख्य संरक्षक राज कमल कपूर, मुख्य संरक्षक मनमोहन जिंदल, मुख्य संरक्षक विक्की मेहंदीरत्ता, मुख्य संरक्षक नवदीप गुप्ता, मुख्य संरक्षक बंटू जैसवाल, चेयरमैन राकेश शर्मा, वाइस चेयरमैन अनिल बांसल, वाइस चेयरमैन संजीव सिंगला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनमोल शर्मा, उपाध्यक्ष हर्ष गोयल, उपाध्यक्ष राजपाल ठाकुर, कैशियर विकास बांसल, महासचिव विजय शर्मा, सचिव सुरिंदर डब्बू, सचिव परमजीत सिंह पम्मा, सचिव तेजेन्द्र खैहरा, सचिव कार्तिक, संयुक्त सचिव गगनदीप मित्तल,मेयर नीतिका भल्ला, संयुक्त सचिव विजय खुराना पार्षद, संयुक्त सचिव सागर आहलुवालिया, संयुक्त सचिव यशपाल सैनी, कृष्ण वानिया, राजेश चांंद, विश्व हिंदू परिषद के विजय अरोड़ा, राजिंदर कोहली, नीरा अग्रवाल, सुशील मिड्डा, साहिल सिंगला, अमित बांसल, रोहित, आशू, गगन बांसल, लक्ष्मण दास, राजकुमार गर्ग, अरुण बांसल, विशाल नारंग, दीपक बांसल, रेणु, राजीव मितत्ल, प्रवीण कुमार, विजय बांसल, पवन गोयल अध्यक्ष यूथ अग्रवाल सभा, सुदर्शन सिंगला, विजय गर्ग बाघापुराना, योगेश जिंदल, दविंदर बल्लू, सुरिंदर बांसल, गगन गर्ग, कृष्ण एस.डी.ओ, अशोक बांसल, राकेश अग्रवाल एक्सीयन, दर्शन बांसल, सतनाम सिंह, साधू राम प्रेम कुमार, परमपाल बधनी वाले, रोकी, राकेश कुमार, राजेश अरोड़ा, डा. रमेश चन्द्र कांसल, विजय गर्ग, योगेश जिंदल, रमन बांसल, नरेश जैदका, हितेश गुप्ता, सौरव शर्मा, वरुण भल्ला, हरमन गिल, मुकेश चावला, ट्रैफिक इंचार्ज हकीकत सिंह, गौरव गर्ग, पार्षद पायल गर्ग, गुरमिंदरजीत सिंह बबलू, भावना बांसल, लवली सिंगला, रमन मित्तल रिम्पी , दीपक भल्ला ,परमिंदर डिंपल, विजय मिश्रा, राकेश सितारा, आचार्य नंद लाल, रिंकल गुप्ता, सालासर धाम के सुशील मिड्डा, दीपक भल्ला, पूर्व एस.पी. मुख्तयार सिंह, दिनेश गुप्ता, प्रेम चक्की वाला, गोवर्धन पोपली, बम-बम भोले डाक कावड़ संघ के आनंद जैन, अमित मित्तल, एडवोकेट प्रवीण सचदेवा, रोहित शर्मा, रमन कौशल, कपिल भारद्वाज, राजिंदर ढंड, डा. रामगोपाल के अलावा शहर की धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक संस्थाओं के अलावा के पदाधिकारियों व शहर निवासियों ने संयुक्त रूप से की। यह रथ यात्रा पुरानी दाना मंडी भारत माता मंदिर से शुरू हुई। इस रथ यात्रा में ज्यों ही निताई गौर के श्रीविग्रह को रथ पर विराजमान किया गया, समस्त श्रद्धालु हरि नाम की मस्ती में जयकारे लगाने लगे। इस अवसर पर संयोजकत्व में श्रीविग्रहों की महा आरती की गई। फूल वर्षा से पूरा क्षेत्र कृष्ण-बलराम के उद्घोषों से गूंज उठा। शहर की सभी धार्मिक और समाजिक संस्थाओं ने शबीलें,भडारे तथा स्टाल लगा कर सांगत की सेवा की । शहर को रागोलिओं ,रंग बिरंगी लाइटें ,गुबारों ,फूलों ,स्वागती GATE तथा झंडिओं से सजाया गया।
गौरतलब है कि यह रथ यात्रा' हर साल आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को प्रारंभ होती है। इस्कान प्रचार समिति के अध्यक्ष नवीन सिंगला व मुख्य संरक्षक देवप्रिय त्यागी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की अपंरपार लीलाओं का गुणगान युगों-युगों से चला आ रहा है। यह रथ यात्रा द्वापर युग से आरंभ हुई। इस रथ यात्रा में श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी पूजा की गई। भगवान जगननाथ की रथयात्रा में तीनों के ही स्वरूप थे। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ की यात्रा के रास्ते में जगन्नाथ रथ के समक्ष भक्तों द्वारा मोर पंख, आरती, चंवर, इत्र, गुगल, नारियल, कपूर, अगरबत्ती आदि से आरतियां करके जगन्नाथ जी को रिझाया गया। रथ यात्रा को लेकर भक्तजनों ने अनेकों स्वागती मंच, भगवान को प्रिय छप्पन भोग, विभिन्न व्यंजन, माखन-मिश्री भोग, भगवान के आगे अर्पित किए गए। उन्होंने बताया कि भगवान जगननाथ की रथ यात्रा जिसका मोगा में दूसरी बार आयोजन किया जा रहा है, के रास्ते में भक्तों ने जगह-जगह फल, लड्डू तथा और मिष्ठान के लंगर लगाए हुए थे तथा ठंडे मीठे पानी के भी स्टाल लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि जगह-जगह भक्तों ने भगवान जगननाथ की रथ यात्रा पर फूलों की वर्षा अग्गरवाल सभा द्वारा की जा रही थीं। यह रथ यात्रा पुरानी दाना मंडी से शुरू होकर प्रताप रोड, चैंबर रोड, रेलवे रोड, मेन बाजार, देव होटल, आर्य स्कूल रोड, 9 न्यू टाउन, स्टेडियम रोड, गीता भवन चौक में छप्पन भोग लगाकर विश्राम रूप दिया गया।